Wednesday 17 January 2024

kya truecaller hamare liye safe hai ।True caller app safe हैं या नहीं – पढ़िए पूरी जानकारी।

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 हेल्लो दोस्तो आज की इस पोस्ट में हम जानने वाले है कि kya truecaller hamare liye safe hai।truecaller app hamare liye safe hai kya।truecaller app hamare liye safe hai kya in hindi । दोस्तों आदि अपके भी मन में यह सवाल है तो आज की इस पोस्ट में आपको पूरी जानकारी मिलने वाले है तो जानने के लिए इस पोस्ट को अंत जरुर पढ़े।


kya truecaller hamare liye safe hai ।True caller app safe हैं या नहीं – पढ़िए पूरी जानकारी।



दोस्तो क्या आप जानते हैं? इंडियन स्मार्टफोन यूजर्स के बीच में तीन सबसे communication platform  कौन से हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि इस लिस्ट में whatsapp और facebook के बाद तीसरे नंबर पर आता है Truecaller । दरअसल ट्रूकॉलर कि पूरी दुनिया में करीब 300 मिलियन एक्टिव यूजर्स है और उनमें से लगभग 74% यानी कि 220 मिलियन से भी ज्यादा यूजर एकेले भारत में है सब हम सभी जानते हैं कि ट्रूकॉलर हम लोगों को कॉलर, आइडेंटिफिकेशन और कॉल ब्लॉकिंग जैसे सर्विसेस प्रोवाइड करता है। 



लेकिन क्या आपने कभी यह सोचा है कि ट्रूकॉलर को हर एक नंबर से जुड़ी हुई information  के बारे में आखिर कैसे पता चलता है। क्या वह इसके लिए लोगों के पर्सनल डाटा को चोरी करता है और अपनी सर्विस इसके बदले में ट्रूकॉलर पैसे कैसे कमाता है। इन्हीं सभी चीजों के बारे में आज की इस पोस्ट में हम आपको बताने वाले हैं।


ट्रूकॉलर की शुरुआत कैसे हुई


 दोस्तो  बाकी चीजों के बारे में बात करने से पहले हम यह जानते हैं कि ट्रूकॉलर की शुरुआत  किस तरह से हुई थी क्युकी इस ऐप की डिवेलप किए जाने के पीछे की कहानी भी काफी इंटरेस्टिंग और इंस्पायरिंग है। 

दरस्ल आज के टाइम में हमारे देश के बहुत से लोगों को यह लगता है कि ट्रूकॉलर  एक इंडियन एप्लीकेशन  है लेकिन असल में यह sweden की कंपनी है जिसे साल 2009 में alan mamedi  और nami zarrughalam  नाम के दो दोस्तों ने शुरू किया था। एलेन और नानी की पहली मुलाकात 2003 में स्वीडन की एक यूनिवर्सिटी रॉयल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के अंदर इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान हुई थी जहां एक दूसरे से मिलते ही इन दोनों में गहरी दोस्ती हो गई और दोनों ने उसी समय यह तय कर लिया कि आगे चलकर भी साथ में ही कोई काम करेंगे। हालांकि इनकी दोस्ती होने की एक बड़ी वजह यह भी थी कि यह दोनों ही इमीग्रेंट थी जो कि ईरान से मुंह करके स्वीडन आए थे। दरअसल नानी का जन्म इरान के दौरान शहर में हुआ था और साल 1987 के दौरान जब उनकी फैमिली ने स्वीडन में मूव किया तो फिर उस समय उनकी उम्र सिर्फ 3 साल की थी 


नामी की अगर बात करें तो उनका परिवार यहां पर 1984 में शिफ्ट हुआ था और उनके शिफ्ट होने के लगभग 1 महीने बाद ही सुजेन के कृषि विज्ञान के अंदर वह पैदा हुए। अब वह परिवार की हालत अच्छे ना होने की वजह से एलेन ने बहुत छोटी उम्र से ही काम करना शुरू कर दिया। यहां तक कि साल 2004 में कॉलेज की पढ़ाई के दौरान भी वे दो फॉर हाउस नाम की एक कंपनी में एडजस्ट मैन पार्ट टाइम जॉब की पढ़ाई पूरी करने के बाद से साल 2006 में उन्होंने बैटिंग डॉट ऐसी नाम की एक ऑप्शन वेबसाइट भी बनाई थी जिसको उन्होंने कुछ ही महीनों के बाद से अच्छी रकम में बेच दिया था। ।


truecaller kab launch hua tha


दोस्तो अब  एलान और नामी ने  truecller  को 2009 में लांच किया था, लेकिन सही मायनों में यह इन दोनों की पहली कंपनी नहीं थी बल्कि इससे पहले भी उन्होंने दो स्टार्स शुरू किए थे। जो की पूरी तरह से फेल हो गए थे। दरअसल हुआ यह कि कॉलेज खत्म होने के बाद से एलन और नामी ने यह तय किया कि वे एक साथ रहेंगे और जब वे दोनों एक अपार्टमेंट में शिफ्ट हो रहे थे तो फिर उन्हें ने नई घर के लिए । कुछ  फर्नीचर खरीदने की जरूरत पड़ी। हालाकि इसके लिए जब उन्होंने मार्केट रिसर्च किया तो पाया कि उस समय स्वीडन में ऑनलाइन फर्नीचर खरीदने के लिए आए किया। वेबसाइट के अलावा और कोई दूसरा अच्छा ऑप्शन मौजूद नही थे।


 यहां पर उन दोनों को एक अपॉर्चुनिटी नजर आएं जिसे बनाने के  लिए उन्होंने ने साल 2007 में mobeljakt.se ऐसी नाम की  यह वेबसाइट लॉन्च कर दिया यह वेबसाइट असल में एक तरह की सर्च इंजन थी। जहां लोग फर्नीचर के साथ ही होम डेकोर से जुड़े हुए सभी तरह के आइटम को सर्च करके उनके प्राइस को कांपेर भी कर सकते थे। ऐलन और नामी दोनों ही अपने पहले स्टार्टअप से बहुत ज्यादा उम्मीदें थी, लेकिन काफी कोशिशें करने के बावजूद भी उनका यह स्टार्टअप सक्सेसफुल नहीं हो पाया और वे दोनों अपना गुजारा करने के लिए एक कंपनी में जॉब करने लगे अब इस जॉब के दौरान नानी को सिर्फ इमीग्रेंट होने की वजह से ही उनके बॉस के द्वारा कई बार रियली अभी उस किया गया और वे अपने बॉस के खिलाफ आवाज तक नहीं उठा पाती वर्क केसे भी करके अपने सांसों के उत्पीड़न का बदला लेना चाहते थे और यहीं से उन्हें अपना अगला स्टार्टअप शुरू करने का आईडिया आया ।



 नामी  ने सोचा कि उनके जैसे ना जाने कितने स्टाफ होंगे स्वीडन होने के बावजूद अपने बॉस के खिलाफ कोई भी एक्शन नहीं ले पाते हुई इसलिए सलूशन के रूप में उन्होंने 24 डॉट ऐसी नाम की एक ऐसी अनोखी वेबसाइट बनाई, जहां एंप्लॉय अपनी कंपनी बॉस को  रेट और रिव्यू कर सकते थे। अब उनके स्टार्ट को लोगों ने काफी पसंद किया और उन्हें काफी ज्यादा सराहना भी मिली। लेकिन फिर भी वह स्टार्ट को  उस लेवल तक नहीं कर पाए  जहा उन्हें  सक्सेसफुल स्टार्टअप का टाइम मिल सके। अगर आप अपने स्टार्टअप में मिल सके ।




 दोस्तो अब हम जानते हैं कि कैसे दो स्टार्ट के फेल हो जाने के बाद से एलन और नामी ने  ट्रूकॉलर को बनाया। दरअसल  सफलताओं के बाद से दोनों दोस्त कुछ समय के लिए अपनी अपनी लाइफ में बिजी हो गए और उस टाइम एलन एक ऐसी जॉब किया करते थे।  जहा उन्हें बहुत सी इंटरनेशनल कॉल अटेंड करनी पड़ती थी और इंटरनेशनल नंबर होने की वजह से कई बार वह अपने फोन पर आने वाली कॉल को पहचान ही नहीं पाते थे। इनमें से कौन सी कॉल उनकी काम की  है और कौन सी स्पैम और इस प्रॉब्लम की वजह से ही वह काफी परेशान रहते थे।  और दोस्तो ऐसा ही हाल कुछ नामी का भी था जहां पर कि वह अपने दोस्तों और रिलेटिव को नया नंबर से  आने वाले कॉल को पहचान नहीं पाते थे। अब एक दिन यह दोनों अपनी सी प्रॉब्लम के बारे में ही एक दूसरे से डिस्कस कर रहे थे। तभी इनके मन में यह एक idia आया की एक एप्लीकेशन बनाया जाए ।


जिससे लोगों को कॉल रिसीव करने से पहले ही यह पता चल जय की यो कॉल कोन कर रहा है बस फिर क्या था  दोनों ने तुरंत ही  नेशनल फोन डायरेक्टरी का डेटा उठाया और एप्लीकेशन का  काम शुरू कर दिया। 


और दोस्तो इस तरह से 1 साल की कड़ी मेहनत करने के बाद आखिरकार वे दुनिया की पहली कॉलर आईडी फिकेशन आप को बनाने में कामयाब हो गए जिससे कि उन्होंने ट्रूकॉलर का नाम दिया। अब उस समय एलन और नामी ने दोनों में से किसी को भी मालूम नहीं था कि उनकी यह एप्लीकेशन चल पाएगी या नहीं। इसीलिए एक्सपेरिमेंट के तौर पर उन्होंने ट्रूकॉलर को एक ऑनलाइन फॉर्म में पोस्ट कर दिया और उस एक्सपेरिमेंट का रिजल्ट इतना जबरदस्त आया  की वे दोनों पूरी तरह से हैरान रह गए। दरअसल पहले हफ्ते में ट्रूकॉलर को 10000 से भी ज्यादा लोगों ने instoll कर लिया था। ऐसे में लोगों को आएंगे जबरदस्त रिस्पांस देखकर। एलेन और नानी को भी यह कॉन्फिडेंस आ गया कि अब वह भी ना डरे अपना फुल टाइम इसी एप्लीकेशन को ही स्केल करने में लगा सकते हैं।



 अब शुरुआत के कुछ सालों में उन्होंने इस ऐप को स्वेडन के अलावा और जॉर्डन जैसे कुछ देशों में फैलाया, लेकिन जैसे ही इस ऐप ने आपने इंडियन मार्केट में इंटर किया तो उसके ग्रो करने की रफ्तार से 100 गुना तेज हो गई और इसके बाद से ट्रूकॉलर ने। फिर कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा। 



truecaller kaise kaam karta hai



दोस्तों बात करते हैं कि ट्रूकॉलर काम कैसे करता है और उसके पास हर एक नंबर की इनफार्मेशन कैसे पहुंचती है। दोस्तो द्रशाल इसके लिए तो ट्रूकॉलर जितने भी पब्लिक फोन डायरेक्टरी से उन सभी का डाटा अपने क्लाउड में स्टोर करता है। इसके अलावा जब कोई यूजर ट्रूकॉलर को अपने फोन में इंस्टॉल करता है तो फिर उसे  यूजर को इस ऐप्स की सर्विस लेने के लिए अपने कांटेक्ट को एक्सेस करने की परमिशन लेनी पड़ती है और दोस्तों इस तरह से यह है। आप अपने हार एक  के कोंटेक्ट और स्पैम कॉल्स के डेट आप अपने प्लॉट में स्टोर कर लेता है। यानी कि ट्रूकॉलर को यूज करने के लिए लोगों को अपनी प्राइवेसी के साथ समझौता करना ही पड़ता है। अब जब किसी यूज़र को अननोन नंबर से कॉल आता है तो फिर ट्रूकॉलर इंटरनेट का इस्तेमाल करके तुरंत नंबर को अपने डेटाबेस में सर्च करता है और उससे जुड़ी हुई जो भी इंफॉर्मेशन उसके पास होती है, उसकी स्क्रीन पर दिखा देता है। जैसे जैसे यूजर्स बढ़ते जाते हैं, वैसे ही वैसे ट्रूकॉलर का यह डेटाबेस और भी ज्यादा बढ़ा और एक्टिवेट हो जाता है। 


truecaller pese kese kamate hain



तो दोस्तों अब आखिर में सवाल आता है कि ट्रूकॉलर अपने इन सर्विस इसके बदले में पैसे कैसे कमाता है आपको यह जानकर हैरानी होगी कि साल 2016 से पहले तक ट्रूकॉलर कोई भी पैसा नहीं कमाता था, लेकिन आज के समय में यह तीन अलग-अलग तरीकों से रेवेन्यू जनरेट करता है। 


  • जिसमे सबसे पहला तरीका advertising जहां यह अपनी करोड़ों यूजर्स को ऐप्स अंदर ऐड दिखाकर रेवेन्यू जनरेट करता है।


  •  इसके अलावा ट्रूकॉलर प्रीमियम सब्सक्रिप्शन भी सेल करता है। और कई तरह की स्पेशल फीचर्स ऑफर करता है। 


  • इसके अलावा ट्रूकॉलर अलग-अलग बिजनेस के साथ में भी काम करता है जो कि रेनू जनरेशन तरीका है।  दरअसल अमेजॉन फिलिपकार्ड जैसे कई कंपनी ड्राइवर साथ ही जब लोगों को कॉल करते हैं तो कई बार लोग spam कॉल समझ कर उनके कॉल को बिना रिसीव किए ही कट कर देते हैं। ऐसे में ट्रूकॉलर इन बिजनेस सर्विस प्रोवाइड करता है कि जब इनका कोई एग्जीक्यूटिव किसी व्यक्ति को कॉल करता है तो फिर उस व्यक्ति की फोन में ट्रूकॉलर पर उसका नाम डिलीवरी एग्जीक्यूटिव या फिर ड्राइवर शौक होता है जिससे कि लोगों को पता चल जाता है कि वह कोई spam कॉल नहीं बल्कि अमेज़न के डिलीवरी ब्वॉय या फिर ओवर के ड्राइवर का फोन है।



kya truecaller hamare liye safe hai

दोस्तो truecaller apps हमारे लिए safe है इस apps को आदि आप अपने मोबाइल में इंस्टॉल कर लेते हैं तो आप को कोन कॉल कर रहा है उसका नाम क्या है आप अपने मोबाईल से ही पता कर सकते है और अभी के टाइम में बहुत जायदा पॉपलर हो चुका है इस ऐप्स 50 करोड़ से जायदा लोग इंस्टॉल किए है 


 तो दोस्तों इस तरह से ट्रूकॉलर आज इन तीन अलग-अलग तरीकों से पैसे कमाता की प्राइवेसी के नजरिए से बहुत से लोग इसे सबसे अनसेफ एप्लीकेशंस में भी सुमार करते हैं और इसके लिए ट्रूकॉलर को अंदर आलोचनाएं भी झेलनी पड़ती है लेकिन इस सबके बाबजूद भी ट्रूकोलर ग्रो करने की रफ्तार भी कोई भी कमी नहीं आई है और समय के साथ ही इस एप्लीकेशन का यूजर पर लगातार बढ़ता ही जा रहा है। ।


बाकी दोस्तों हमारी आज की इस पोस्ट में बस इतना ही था। यह पोस्ट आपको कैसी लगी। हमें कमेंट करके जरूर बताइएगा।  

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