Monday 27 December 2021

पति को ससुराल में क्यों नहीं रहना चाहिए । पति अपने ससुराल क्यों नही रहना चाहिए batao

 मस्कार दोस्तों आप सभी को स्वागत है आज का इस New Post  के साथ जिसका title है।पति को ससुराल में क्यों नहीं रहना चाहिए । अगर आप भी जानना चाहते हैं तो इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़े।

पति को ससुराल में क्यों नहीं रहना चाहिए

पति को ससुराल में क्यों नहीं रहना चाहिए । पति अपने ससुराल क्यों नही रहना चाहिए batao 

मित्रों यदि आप एक विवाहित पुरुष है और अपने ससुराल में रहने का सोच रहे हैं तो रुक जाइए। मना की  शादी है किसी पूजा के अवसर पर आपको अपनी पत्नी के घर या अर्थात ससुराल में कुछ दिनों के लिए रहना ही पड़ता है। लेकिन ऐसा करना आपके जीवन में कुछ बदलाव ला सकता है। अब वह बदलाव क्या है

। चलिए इसके बारे में आपको एक कथा के माध्यम से बताते हैं।

 यदि आप भी एक पति के ससुराल में ना रहने के कारणों को जानना चाहते हैं तो बने रहिए। पोस्ट के अंत तक

एक कहानी है पति के लिए

एक कहनी है छोटे से गांव की 

 एक बहुत बड़े विद्वान थे पूरे गांव में उनका बहुत नाम हुआ करता था, लेकिन उनके पिता कभी भी उनकी तारीफ नहीं किया करते थे। बस यही कह कर टाल देते। अभी  तो यह बच्चा है, कुछ नहीं जानता लेकिन एक दिन इस बात से परेशान होकर । उसने अपने पिता को कुल्हाड़ी से काटने का फैसला किया और रात में कुल्हाड़ी लेकर उनके कमरे के बाहर पहुंच गया। दरवाजे पर पहुंचते हुए उसे अंदर से अपनी मां की आवाज आई। उसके पिता से इसी विषय पर बात करते हुए पूछ रही थी कि हमारा पुत्र इतना बड़ा विद्वान बन गया है।

 पूरे गांव में लोग उसकी कुशलता की चर्चाएं करते नहीं थकते। फिर वह तो आपका पुत्र है। आप क्यों उसकी प्रशंसा नहीं करते। फिर उसके पिता मुस्कुराते हुए बोले, अरे भाग्यवान मैं जानता हूं। बहुत कुशल है, लेकिन मैं नहीं चाहता कि उसके अंदर इस बात का थोड़ा सा भी अहंकार आए। लेकिन हां पीठ पीछे उसकी बहुत तारीफ करता हूं। यह सुनकर वह ज्ञानीपुरुष भाव विभोर हो गया और अपने पिता के चरणों में गिरकर क्षमा मांगते हुए बोला, पिताजी कृपा करके आप मुझे माफ कर दीजिए। 

मैं भटक गया था। अपने पिता को मारने जैसा घोर पाप का ख्याल मेरे मन में आया। आप मुझे इस कृत्य के लिए सजा दीजिए। पहले तो पिता ने मना किया, किंतु बेटे के बार बार कहने के बाद पिता ने बेटे से बोला बेटा। चलो यह बताओ, तुम्हारा सबसे ज्यादा सम्मान कहां होता है। बेटे ने उत्तर दिया। पिताजी ससुराल में तब पिताजी बोले ठीक है। तुम अब से 6 महीने तक अपने ससुराल में ही रहोगे। यही तुम्हारी सजा है।

पति को ससुराल में क्यों नहीं रहना चाहिए

 फिर क्या था वह ज्ञानी पुरुष अपनी पत्नी के साथ ससुराल रमना हो गया। ससुराल पहुंचते ही उसे ससुराल वाले  देख कर  काफी खुश हो गए कि दामाद  जी आए हैं। उनकी खातिरदारी करुं पहले तो उसके आदमी पुरुष के लिए तरह-तरह के पकवान बनाए गए।

 लेकिन अगला दिन होते ही पकवानों की संख्या में कमी आ गई। धीरे-धीरे समय बीतता गया और थाने में बासी रोटी मिलने लगी। यही नहीं उसके ससुराल वाले गाय को चराने और गोबर उठाने जैसे काम कराने लगे। उनकी पत्नी को यह सब पसंद नहीं आया। उन्होंने आकर अपने पति से बात भी की कि इतने ज्ञानी होकर आप यह अपमान क्यों सह  रहे हैं। 

चलिए हम अपने घर वापस चलते पर उन्होंने जाने से मना कर दिया जाते भी कैसे पिता को वचन जो दिया था 1 दिन की बात है वह। विद्वान  व्यक्ति शांत बैठे एक  स्ट्रोक लिख रहे थे तभी वहां उनकी पत्नी पहुंचे। उन्हें देखते ही बोलने लगी। आप सालोग बना रहे है मत बनाओ। इन्हें इनका कोई अर्थ नहीं है। इनकी कोई कीमत नहीं है।

 तभी वह बोले, ऐसा नहीं है। मेरे एक एक श्लोकी की  बहुत कीमत है। चाहे तो ऐसे आजमलो  पति की ऐसी बात सुनकर पत्नी उसे सुलोक  को लेकर बाजार में बेचने निकला गए सब वहां खाने-पीने की वस्तुएं बस्तर इत्यादि बेच रहे थे तो वह खुद पत्र में श्लोक बेच रही थी। सब उसके पास आते और कीमत पूछते तो वह बताती 100000 धीरे-धीरे बाजार का लगभग सारा सामान बिक गया, लेकिन उसके श्लोक को किसी ने नहीं खरीदा। 

तभी वहां राजा या राजा का यह नियम था कि जो भी सामान बाजार में नहीं बिका हुआ उसे खरीद लेगा। राजा ने विद्वान पुरुष की पत्नी को बैठे हुए देखा तो पूछने लगा। यह तुम क्या बेच  रही हो तो उसने जवाब दिया यह श्लोक। यह मेरे पति ने लिखा है

 राजा के कीमत पूछने पर पत्नी ने उसे 100000 स्वर्ण मुद्राएं बताया, क्योंकि राजा वचनबद्धता तो उसे वह श्लोकी मुंह मांगी। कीमत चुकानी ही पड़ी और विद्वान पुरुष की पत्नी इतनी सारी स्वर्ण मुद्राएं लेकर घर पहुंच गई।

 घर पहुंचते ही जैसे उसके सामने घरवालों ने वह मुद्राएं देखें। सब फिर से पहले की तरह उस विद्वान पुरुष की सेवा सत्कार में लग गए और 6 महीने पूरे होते ही वह विद्वान पुरुष और स्त्री अपने घर वापस लौट गए

 तो मित्रों से यह साफ होता है कि यह दुनिया धन की सगी है। यहां कोई किसी का सम्मान नहीं करता। सम्मान करता है तो उसके पद का उसकी संपत्ति और उससे होने वाले लाभ का बहुत कम लोग होते हैं जो अपनी वास्तविकता के साथ आप को अपनाते हैं। 

इसलिए मित्रों जो पति यह समझते हैं कि ससुराल में उनका बहुत आदर सम्मान हो रहा है तो उनके लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि सम्मान भी थोड़े दिनों तक ही होता है। 

 वो कहावत तो आपने सुनी होगी? दूर के ढोल सुहाने लगते हैं 

इसलिए जितनी आप दूरी बनाकर रखेंगे उतना ही सम्मान आपको मिलेगा। मित्रों उम्मीद करते हैं। आपको हमारी आज की पोस्ट  पसंद आई होगी। यदि हां तो नीचे कमेंट करके जरूर बताएं


पति को ससुराल में क्यों नहीं रहना चाहिए

पति को ससुराल में क्यों नहीं रहना चाहिए

पति को ससुराल में क्यों नहीं रहना चाहिए । पति अपने ससुराल क्यों नही रहना चाहिए batao 

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