Friday 9 June 2023

मरने से पहले दिमाग क्या सोचता है |आदमी मरते समय क्या सोचता है | मृत्यु के समय क्या सोचता है इंसान

 नमस्कार दोस्तों आज की इस पोस्ट में हम बात करने वाले हैं मृत्यु के समय क्या सोचता है मरने से पहले दिमाग क्या सोचता है आदमी मरते समय क्या सोचता है? अगर आप भी जानना चाहते हैं तो इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़े।


मरने से पहले दिमाग क्या सोचता है |आदमी मरते समय क्या सोचता है |  मृत्यु के समय क्या सोचता है  इंसान 

दोस्तों मौत के समय दिमाग में क्या चलता है दोस्तों मौत का नाम आते ही लोगों के मन में एक डर लगने लगता है लेकिन साथ ही साथ मन में यह सवाल भी तो आता है कि आखिर मरते हुए इंसान के दिमाग में क्या चलता रहता है यह बात हमेशा से ही एक रहस्य थी लेकिन यह रहस्य एक हादसे या पर्दा उठ चुका है क्योंकि एक कॉन्फिडेंस के कारण डॉक्टरों ने एक इंसान के दिमाग से पता लगा लिया है कि आखिर मौत के समय दिमाग में क्या चलता रहता है 

साल था 2016 जगह canada जहां एक बूढ़े मरीज का इलाज जारी थी इस मरीज को एक तरह की दिमाग की बीमारी थी इसी बीमारी की जांच करने के लिए इलाज के दौरान डॉक्टरों ने उसे ब्रेन सैंपल को रिकॉर्ड कर रहे थे लेकिन उसकी रिकॉर्डिंग के दौरान ही अचानक उस मरीज की मौत हो गई मौत तो हो गई लेकिन उसी दौरान एसिडेंसे उसकी ब्रेन की एक्टिविटी रिकॉर्ड हो गई अब आप सोच रहे होंगे कि इसमें क्या नया है 

तो दोस्तों मैं आपको बता दे यह पहली बार था जब मरते हुए इंसान की ब्रेन एक्टिविटी रिकॉर्ड हो गई इसके जरिए विज्ञानकी यह समझ ने के लिए जुट जाते है की मौत के दौरान हमारे दिमाग में क्या होता हैं की लोग पहले ऐसा कहते थे मरते हुए इंसान की  पूरी ज़िंदगी उसके आंखों के सामने फ्लेक्स बैक करने लगते हैं 

दोस्तों अगर इस बात को आप पहले कहीं सुन चुके हैं तो हैरान मत होइए गा क्योंकि मरते हुए इंसान की दिमाग यही प्रूफ हुआ की उसके साथ उसकी पूरी जिंदगी फ्लेक्स हो रही थी यह सब डॉक्टर इसमें किसी पर कैसे पहुंचे एक्चुअली क्या चीज थी जो इस व्यक्ति के दिमाग में देखेगी मौत के दौरान पूरी जिंदगी फ्लेक्स होने वाली बात क्या यह सही है 

दोस्तों चलिए हम आप को समझाते हैं CANADA VANCOUVER GENERAL HOSPITAL हॉस्पिटल के इमरजेंसी रूम में 87 साल की बुजुर्ग लेटे हुए थे इन्हें EPILEPSIA यानि मिर्गी की शिकायत थी इस स्थिति में बार-बार दिमागी दौरे आते हैं इसके दिमाग को जांचने के लिए डॉक्टर EEG का इस्तमाल कर रहे थे 

अब आप यह सोच रहे होंगे कि EEG क्या होती है तो आपके बता दें कि EEG यानि ELECTRO ENCEPHALO GRAPHY जो कि यह  बहुत ही कंपलेक्स प्रोसेस होता है इसका इस्तेमाल दिमाग पढ़ने के लिए क्या जाता है  केसे किया जाता है इसको थोड़ा समझ लेते हैं ।

दोस्तों में अगर आप से काहू कि आपके दिमाग में बिजली दौड़ते हैं तो आप क्या कहेंगे हो सकता है कि यह बात आपको मजाक लगी लेकिन हम मजाक नहीं कर रहे यह बात 100% सच है कि अपने दिमाग में इलेक्ट्रिक करंट पैदा होता है भले ही हम सो रहे हो या जाग रहे हो 24 घंटे हमारा दिमाग चालू रहता है और इसमें कुछ ना कुछ हमेशा इलेक्ट्रिक एक्टिवेट होते रहती हैं तो साइंटिस्ट लोगों ने एक ऐसा मशीन बनाई जिससे हमारे दिमाग की इलेक्ट्रिक एक्टिविटी रिकॉर्ड की जा सके इसी मशीन का नाम है ELECTRO ENCEPHALO GRAPHY यानि EEG  और आसान भाषा में बोले तो दिमाग पढ़ने वाली मशीन 

लेकिन ऐसा नहीं है कि या मशीन पूरी तरह दिमाग को पढ़ ही ले कि  कोई व्यक्ति एकजेटली क्या सोच रहा है ऐसे पता नहीं चलेगा डॉक्टर एक करीबी करीबी आइडिया लगा लेते हैं की ब्रेन की किस हिस्से में किस तरह का एक्टिविटी एक्टिवेट हो रही है क्योंकि इस मरीज को दिमागी दौरे आते थे इसलिए डॉक्टर  EEG के जरिए उन्हें समझने की कोशिश कर रहे थे इसी दौरान उस 87 साल की मरीज को हार्ट अटैक आ गया और उसकी मौत हो गई इससे कुछ ऐसा होता है जो किसी ने अप्लाई नहीं किया था मौत के दौरान इनके ब्यूरो लॉजिक EEG में रिकॉर्ड हो गए थे  

इस मरीज की मौत के दौरान करीब 900 सेकेंड ब्रेन सिग्नल रिकॉर्ड हो गया थे लेकिन विज्ञानिक को इसमें से लगभग 60 सेंकड की ब्रेन एक्टिविटी बहुत दिलचस्प मालूम हुई लेकीन अब कोन से 60 सेकेंड यह काफी इंटेंस्टिग था असल में यह 60 सेकेंड दिल की धड़कन रुकने से पहले 30 सेकेंड और उसके 30 सेकेंड बाद थे मौत के दहलीज के 60 सेकेंड  इन 60 सेकेंड में ब्रेन को देखते हुए लग रहा था जैसे कोई मेमोरी रिकॉर्ड कर रहे हों ।

जेसे पुरानी यादों से होकर गुजर रहा हो इस दौरान उसकी ब्रेन एक्टिविटी में एक स्पेशल ब्रेन देखने को मिल गई यह ब्रेन बेब उन पैटन से मिलती जुलती थी जो तब हमारे ब्रेन में बनती है जब हम ध्यान लगाते हैं यह फिर सपने देखते है या कुछ याद करते हैं जिसकी डिटेल्स पहले से डॉक्टर के सेव होती हैं ब्रेन बेब से भी आसान भाषा में समझे तो हमारे दिमाग में जो इलेक्ट्रिक एक्टिविटी होती है यानि जो बिजली दौड़ती है से कुछ तरंगे भी निकलती है इन्हें ही ब्रेनवेव्स कहते हैं 

जेसे संत्त पानी में कंगकड़ गिराने बुनबुना निकलती हैं कुछ कुछ उसी तरह हमारे दिमाग से भी ब्रेनवेव निकलती रहती बस या ब्रेनवेव हमें दिखाई नहीं देती लेकिन EEG जेसे उपकरणों के मदद से इन्हें रिकॉर्ड किया जा सकता है विज्ञानों ने ब्रेन बेब की प्रवीण एक्टिविटी के आधार पर उन्हें अलग-अलग ग्रुप में पाल रखा है इन्हे गुरूप के नाम पर रखे गए हैं

 alpha waves 

Bita waves

Gamma waves

Delta waves

Theta waves

इंटरेस्टिंग बात यह है दोस्तों इन अलग-अलग waves  का सीधा संपर्क हमारी दिमाग की गतिविधियों से है साइंस ट्रिक लोग EEG से ब्रेनवेव रिकॉर्ड करते हैं और ब्रेन बेब देख कर उस बात का अंदाजा लगाते हैं कि दिमाग में किस तरह का हरकत चल रही है अगर हम वापस अपने केस पर है तो जब इस मरीज की मौत हुई थी तब उसके दिमाग में GAMMA WAVES ACTIVITY दिखाई दे रही थी इस व्यक्ति के ब्रेन से ब्रेन को स्टडी करने के बाद रिसर्च ने इस रिसर्च के नतीजे पब्लिश किए  

कई देशों ने वैज्ञानिक ने इसे स्टडी को अंजाम दिया वैज्ञानिक कहते हैं सूचना दिलचस्प है इस तरह का एक्टिविटी आखरी रिफल कर सकते हे एक तरफ वैज्ञानिक इस देश में सोचने को  दिलचस्प बता रहे और दूसरी तरफ़ इस ख्याल में पूरी तरह ना बह जय यो के रहे है उन्हें इस स्टडी से जनरल स्थित निकालने से थोड़ी सी सावधानी बरतने को कहा है सावधानी के लिए इसलिए क्योंकि हमारे  पास बहुत सारे केस नहीं है। जिसमें हम पक्के निष्कर्ष निकाल सके यह सिर्फ एक व्यक्ति का केस है वह भी एक ऐसे व्यक्ति का केस जिसे दिमागी बीमारी थी 

रिसर्च हमारे स्कोर पर दिमाग खींचते हैं कि हमारे दिमाग की चोट भी हमारे ब्रेनवेव पर असर डाल सकते हैं इसलिए जल्दबाजी में रिजल्ट निकाल बैठना सही नहीं होगा रिसर्च को ब्रेनवेव का केस 2016 में ही मिल गया था और वैसे दूसरे केस के ताप में बैठे रहे जिसमें इस तरह के नतीजे दोहराए लेकिन वह ऐसा करने में नाकाम रहे 

आखिर कर एक लोटे केस के साथ ही 6 साल इंतजार के बाद यह केस  पब्लिश कर दी गई 2013 में चूहों के एसटीडी से कुछ मिलते-जुलते रिकॉर्ड निकल कर आए थे 2013 में एक स्टडी सामने आए जिसमें चूहों को मरते हुए गामा वेब का लेवल दिखाई देते हैं 

इससे पहले बहुत लोगों को लगता था मौत के दौरान ब्रेन एक्टिविटी कम हो जाती है लेकिन इस स्टडी में इसका उल्टा सबित कर दिया उस दौरान इस स्टडी के अधार पर मनुष्य को डेट एक्सप्रेस समझाने की कोशिश की गई थी बहुत सारे इंसान ऐसे हैं जो मौत के करीब जाकर लौट आए उन्हें नियर डेथ एक्सपीरियंस कहा  गया है 

 मौत से लौटने वाले बहुत सारे लोग आज भी एक्सपीरियंस बताते हैं किसी को बॉडी आउट ऑफ एक्सपीरियंस होता है तो किसी को लगता है कि वह अंधेरे गुफा में है  जिसके सिर पर सफेद  रोशनी है 

2013 में चूहे वाली एक्सपेरिमेंट के बाद वैज्ञानिकों ने यह बताया कि यह स्टडी इन ईयर डेट फिजिकल है 

तो दोस्तों यह कहानी थी एक लोटे ब्रेन के बारे में जिसके सिग्नल को मरते वक्त रिकॉर्ड किया गया था आपको इस बात में कितनी सच्चाई लगती है आप हमें कमेंट करके बता सकते हैं

मरने से पहले दिमाग क्या सोचता है |
आदमी मरते समय क्या सोचता है |  
मृत्यु के समय क्या सोचता है  इंसान 
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