Wednesday 7 December 2022

पति-पत्नी को कैसे रहना चाहिए

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हेलो फ्रेंड्स आप सब केसे हो आज की इस आर्टिकल में हम बात करने वाले है।की ।।पति-पत्नी को कैसे रहना चाहिए 




पति-पत्नी को कैसे रहना चाहिए

 


आप कहती है महाराज जी मेरा पति बहुत दुष्ट है झगड़ करता है
मरता है शराब पीता है 
माना की  आपका पति शराबी है दुष्ट है
फिर भी आपका पति इस लिए 
अगर आप पत्थर में भी भगवान को देख सकते हो
तो पति में भी भगवान को देखने का अभ्यास करो



जो पति कर रहा है उसकी कर्मो का फल उसे मिलेगा
जो आप कर रही हो  आपकी कर्मो को फल आपको मिलेगा 
इस लिए पति के साथ बुरा बेहवर नहीं करना चाहिए नही तो 
उसको  दंड मिलेगा 


और पत्नी के साथ भी बुरा बेहवार नहीं करना चाहिए नहीं तो 
उसका भी दंड हमे मिलता है 
पति और पत्नी कैसी हो अर्थात भगवान राम और सीता 
भगवान राम  और सीता केसे रहते थे एक दूसरे के पूरक है 


पत्नी हमेसा  पति के पूरक रही है और पति हमेसा पूरक रहा है
अकेला इस्त्री भी किसी काम का नही अकेला पुरुष भी किसी
 काम का नही 
जब दोनो मिलते है तब हंडर्ड  100 होते है
नही तो दोनो 50 50 
इस लिए आप दोनो सकती है अकेले नही 


भगवान राम और सीता दोनो पति पत्नी थे कितनी आनंद से रहते थे 

 कृष्ण और रुक्मणि कितने आनंद से रहती थी 
कृष्ण और राधा  
राधा भी पत्नी है भगवान के साथ विवाह होवा है 
कृष्ण भी राधा के साथ कितने आनंद से रहता है 



आज भी मंदिरों में कृष्ण राधा दोनो के साथ मंदिरों खड़े है 
जब भगवान अपने गरहस्ती कितने आनंद से चलाते है तो 
भगवान हमे अहि संकेत देते है तुम भी ग्रस्त में रहो 
पर गरसती तरीके से चलाओ 



पति जब कोई गलती करे तो पत्नी उसे शमझाये उसे कहे 
बात सही है पर  झगड़ा ऐसा ना  हो कि रिस्तो में खटास  आ जाए 


पत्नी गलती करे तो पति समझाए कि इतना झगडा  न करो 
की रिश्तों में खटास आ जाए 

पति कुछ कहे तो पत्नी को चुप रहना चाहिए 
अगर पत्नी कुछ कहे तो पति को सेह लेना चाहिए 
गरहस्ति की गाड़ी समझदारी से चलती है 
कई बार पत्नियों को  बुरा लाग जाता है पति ने  डांट दिया  
पत्नियां मुंह फुलाए बैठे है बहुत जायदा डांट दिया तो 
झोला उठा के मायके  चले जाते हैं



चूहे का दौड़ बिल तक  चूहा भागेगा तो कहा जायेगा  बिल में 
इस्त्री भागेगी तो कहा जायेगी मायके 
समाधान नहीं है इसमें 

पति जब गली  दे पति जब डांटे अप उनकी अर्नधानी है 

 आप इस्त्री है आप  दुर्गा है आप छामा की  मूर्ति है आप मां है 
आपके अंदर ममता होनी चाहिए 

पति डांट रहा है गली दे रहा है आपकी मां को गली आपकी 

पिता को गली  कोई बात नहीं आपका शोभव जैसे थोड़ी देर 

पहले मैने कहा लोहा पत्थर धूप में गरम हो जाता है 
पर हीरा धूप में ठंडा रहता है 

तहपर ए हुवा  की  पति का इतनी गलियां खाने पर भी आपका शोबाव सीतल ठंडा होनी चाहिए 
इस शोबव से गरस्ती  चलेगी 

और आप भी गरम हो गई तो रिश्ते टूट जाते है 
एक पत्नी बोली गुरु जी मेरा पति बहुत गली देता हे 
हमने कहा कि आपका पति आपसे प्यार करता है की नहीं
तब बोले हां महाराज जी मेरा पति प्यार भी करता है
हमने कहा की जब प्यार आपसे से करता है तो डांट भी आपको ही देगा 



प्यार आपसे करे और डांट करे पड़ोसन को ऐसा हो नही सकता है
 जब प्यार आपसे करता है तो डटेंगा भी आपको 
इस लिए छोटी छोटी बातों को छोटी ही रह देने चाहिए 
उसे बड़ा करने की जरूरत नही है इसमें अप समझदारी नहीं कहलाएंगे 

अगर पति और पत्नी का विवाद हो तो सुबह का विवाद सम को पूरी तरह खत्म हो  जानी  चाहिए 

विवाद हानि कारक है  काश कर में इस्त्री से काहू  अगर पति 
पत्नी में झगड़ा हो तो मायके जाने की गलती  कभी न करना चाहिए 

मायके वाले आपको रख लेंगे आपको कहेंगे कि अब ससुराल
 मत जाना लेकिन कब तक रहोगे अपनी मां के पास 

कब तक रहोगे अपने भाई के पास कब तक रहोगे  महीने भर रहोगे दो महीने रहोगे 

इस्त्री का कल्याण ससुराल में है इस्त्री को समझदारी का परचय देना है पुरुष को भी बहुत समझदारी का 

काश कर 
 जो आज के बच्चें शादी कर लेते है  शादी के बाद हम देखते है

 तलक हो जाते है क्यू होता है केवल समझदारी के कमी से 
अप थोड़ा सा समझदारी का परचाय देंगे 

दोनो में थोड़ी थोड़ी समझदारी होगी गमीरता होगी 
एक बार एक संत से एक आदमी ने कहा महाराज में शादी करू की ना करू अप ने की है आपका अनुभहः क्या है तब बड़े 


महात्ममा ने कहा बेटा शादी करना  अच्छी बात है 

पर शादी तब करना चाहिए जब आपके अंदर सेहन सिलता आ जाए  आदि सेहन सिलता है तो शादी कर लेना और सेहन 

सिलता नही है तो शादी बिल्कुल ना करना शादी के बाद सेहन

 करना पड़ता है पत्नी की भी सेहन करना पड़ता है  पति के भी सेहन करना पड़ता है परिवार को भी सेहन करना पड़ता है 


शादी कर लोगे पति पत्नी आप हो कल भाई तना मरेगा कमाता कुछ नहीं है खाली खाता पीता रहता है जेठानी तना मारेगी 

देवरानी तना मारेगी  कुछ कमाता धमाता नही है खाली खाता पिता रहती  है दूसरे के टुकड़ों पे रहता है 


कोई भी कुछ भी कहता रहता है इन सब बातो को सेहन करना

 पड़ता है और सेहन करते हुवे अपने गरहस्तती बड़े ही आनंद से
चलाना चाहिए 

में आपको एक निवेदन और कह दू 

आज में देखता हूं भाई भाई  छोटा भाई कमाता है  बड़ा भाई खाता है आ बड़ा भाई कमाता है छोटा भाई खाता है  

जो आदमी कमाता है ना बड़ा भाई कमाता है तो बड़े भाई को पत्नी  छोटे भाई को तना तो मारेगी देवर को 

मेरा देवर पड़ा पड़ा खाता है कमाता तो कुछ नही 
इस लिए में कहता हूं 

आपको को किसी के टुकड़ों पे पलने की जरूरत नही है 

आप की भोजाई जो आपको तना मार रही है ठीक मार रहा है
 आपका भाई जो तना मार रहा 

क्यूं नही कमा कर खा रहे हो  क्यूं तुम दूसरे के टुकड़े पे पल रहे हो   ।
 अरे दूसरो के हलवा पूड़ी  । और खुद की कमाई की बसी रोटी । 
बसी रोटी खाकर नमक के साथ रहो ।
पर अपने कमाई का खायो 

 । दूसरे के कमाई 56 भोग भी खाना नही चाहिए ।बड़ा  भाई कमाता छोटा भाई पड़ा पड़ा खाता है 

।  बड़ा भाई कहता है  ठीक कह रहा है । बड़ी भोजाई कहती है ठीक कहती है ।। तुम कमा कर क्यों नही खा रहे हो 
बाद में रोते हो ।
 हमारी भाभी ने ए कहा वो कहा   । ठीक कहा 

क्यूं पड़े हो क्यूं नही कमाते हो इसलिए  शादी करने के पहले 

 आप भी निर्लिया कर लीजिए  की आपकी पत्नी को क्या 

खिला पाएंगे  अपनी कमाई से  क्या उसे कपड़े पहना पाएंगे।

 अपनी कमाई से क्या  अपने बच्चे। को शिक्षा दे पाएंगे अच्छी

 स्कॉल में  आदि इतनी बेबस्ता है आपके अंदर कुछ करने की

 तागत है तो विवाह करो  दूसरो के भरोसे में पत्नियां ना लाया करो 


की मेरा भाई कमाता है तो मेने शादी कर लिया  भाई के टुकड़ों

 पे पलत रहूंगा  पहले अपना सेल्फ हो जा यो अपने पाव पे खड़े 
हो जाओ कुछ कर लो अपने पत्नी को खिला सको तो कर लो

 शादी  इस लिए विवाह करने से पहले बहुत बात विचार कर 

लेना चाहिए और  लड़की के पिता को भी  विवाह करने पहले  विचार करना चाहिए जिसके साथ अप अपनी लड़की की 

विवाह कर रहे है  यो दो पैसा कमाता है आ नही  आदि कमाता है यो करोड़ पति नही तो चलेगा  

 पर दो रोटी कमाने की ताकत रखता हो अपनी मेहनत से  तो बेटी का विवाह कर देना 


और अपने ए सोच कर कर दिया की  दो भाई है  तीन भाई है 

 चार भाई है  और बाप को संपति तो है ही  और बड़ा भाई को

 
सरकारी नोकरी पे तो है ही बीच वाले भाई से कर दो बड़ा और छोटा कब तक खिलाएगा इसलिए सेल्फ जिंदगी अच्छी है 


ए गरहश्ती के छोटे छोटे नियम है इन नियमों को फॉलो करते रहोगे  पैसे कमाते रहोगे परिवार का पोषण भरण करते रहेंगे 


तो आनंद बना रहेगा  और दूसरे के टुकड़े में पालो ग भस्ताचार गलत करोगे तो भी घर में विवाद होगा इसलिए जितने 


ईमानदारी से आप कमाते होंगे जितनी ईमानदारी से आप खाते होंगे  आप उतने सुखी होंगे  और जितनी बेमानी  से कमा कर खाते होंगे  आप उतने दुखी होंगे 


गेरहसाती के कुछ  फंडे है उन नियमों को फॉलो कीजिए 


गरहसती समझदारी का बिशेहे है में चोर हो जाना ही गरहशतीी


 
जब तक में चोर न हूं गरश आराम प्रवेश न करना  नही तो सब

 आत्मा टूट जायेंगे ऐसे ठोकर लगेगी  थोड़ी सी समझदारी  

इसलिए कहते है अपने बच्चो को कथा सुनवाए करो हम बता देंगे की  केसे गरहसती चलाना है   सब शिक जायेंगे केसे रिस्ते

 निभाने है समझ जायेंगे इसलिए जरूरी है आप की पत्नी समझदारी से अपना गरहसत जीवन चलाए 



पति को चाहिए पत्नी का समामन करे 


एक सजन बोले हम से गुरु जी हमारी पत्नी बीमार रहती है 
क्या हम उसके सेवा कर सकते है 

एक पत्नी हम से बोली गुरु जी हमारे पति के सर में दर्द रहता है
सर दबाते रहते है हम से उठा बेटा नहीं जाता घुटनों में तेल 


हमारे पति लगते है क्या हम पापा लगेग  हम पति से सेवा 

करवाते है क्या हमे पापा लगेगा हमने कहा नही  जैसे पत्नी का धर्म है की पति का सेवा करे आदि भगवान न करे की 

आपकी पत्नी पे संगकट आ गया तो पति ही 
तो सेवा करता है।  मतलब पति और पत्नी 

एक दूसरे के पूरक है केवल पत्नी सेवा करे पति की ऐसा नही

 है   आदि पत्नी पर कोई आफत कल आ जाए शरीरी कास्ट आ जाए तो पति भी उसकी सेवा कर सकता है


Fore egjempal जब भगवान  भी राम बनवास गए  तब मंधार माता ने माता सीता को वस्त्र लाके दिए  सीता ने अपने 

राज सी वस्त्र। उतारो और जंगल के अंतराल वस्त्र पहने मंधार ने जब वस्त्र दिए तो सीता माता जंगली वस्त्र  जंगल में साधु 


सन्यासी का जो कपड़ा है ऐ जो राज मेहलो में रहनी वाली  राज कन्या उसे थोड़ी बनेगा  सीता माता को समझ नही आया  की

 इन्हे पहनना केसे है तब भगवान श्री राम देखिए पति केसा है  भगवान श्री राम गए और माता सीता को अपने हाथ से  उन 


कपड़ों को पहनना सिखाया पहना कर बताया सीता इसे ऐसे पहनना है इसे ऐसे पहने  भगवान राम सीता को कपड़े पहनना

 सीखा रहे है जंगल में सीता के पाव में कटे चुभ जाते है न तो भगवान राम माता सीता कटे निकलते  राम सीता के कटे चरण

 पकड़ते है अपनी जांघ पे रखते है सीता के चरण उठा के अपने हाथो से कटे निकाले ते थे और अगर राम पे पाव पे कटे चुभ 

जाए तो लक्ष्मण कटे निकाला करते थे  पर माता सीता के चरोनो के कटे लग जाए तब भगवान राम निकाला करते थे 

इश्का अर्थ क्या है  इश्का अर्थ अहि है की पति और पत्नी एक दूसरे के पूरक है इस रिश्ते को शायद लोग नही जानते 



इस रिश्ते को सायद लोग नहीं समझते पर बिना समझे बिना जाने निभाते रहते है 


इस लिए लोगो की जिंदगी बोझ बन जाते है क्यों कि आप को उसका ज्ञान नही है की भाई मेरे पास हीरा है 

मुझे पता ही नही है की मेरे पास हीरा है में तो कांच का टुकड़ा समझा रहा हूं 



उसी तरह जिन रिश्ते को आप निभा रहे है  उस रिश्ते आप और हम नही बनाते रिश्ते तो भगवान बनाया करते है हमे तो सिर्फ

 निभाना होता है इसलिए बहुत प्यार से रहिएगा पति पत्नी खास कर पति और  पत्नी तुम दोनो किसी के बहकावे में 

आकर दोनो झगड़ा न कर लेना आपस में अप दोनो पति और पत्नी बहुत प्रेम से रहकर अपनी जिमाद्रियो को निंभयो  

आपकी सबसे बड़ी जिमेदारी है  आपके सास ससुर का 


अर्थात बहु ससुर। का सेवा करो अर्थात आपका पति अपने माता पिता का सेवा करे मतलब आप अपने माता पिता का 


सेवा करे सास ससुर का भी सेवा करे  अहि गारोस्त का धर्म है


 



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