नमस्कार दोस्तों आप सभी को स्वागत है आज का इस New Post के साथ जिसका title हैै।janmashtami in hindi।janmashtami kab hai।2022 में जन्माष्टमी कब है। दोस्तो अगर आप भी जानना चाहते हैं तो इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़े।
2022 में जन्माष्टमी कब है ?janmashtami kab hai? janmashtami in hindi
आज हम इस पोस्ट में बात करेंगे। जन्माष्टमी साल 2022 में कब मनाई जाएगी और इसकी पूजा का शुभ मुहूर्त क्या रहेगा। इसके अलावा हम आपको बताएंगे कि जन्माष्टमी व्रत के पारण करने का शुभ समय क्या है और इसकी संपूर्ण पूजा विधि क्या रहेगीतो आइए शुरू करते हैं।
दोस्तों हिंदू धर्म में बहुत से त्योहार मनाए जाते हैं। इनमें से जन्माष्टमी के पर्व का विशेष महत्व है। जन्माष्टमी का पर्व भगवान श्री कृष्ण जी के जन्म के उत्सव के रूप में मनाया जाता है।भगवान श्री कृष्ण जी को श्री हरि विष्णु जी का आठवां अवतार माना जाता है।
दोस्तों जन्माष्टमी का त्योहार भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। भगवान कृष्ण जी का जन्म रोहिणी नक्षत्र में अधर रात्रि को ठीक 12:00 बजे हुआ था। जन्माष्टमी का त्योहार देश भर में बड़े ही उल्लास के साथ मनाया जाता है।
यह त्यौहार खासतौर पर मथुरा वृंदावन में धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस दिन लोग पूरा दिन व्रत और उपवास रखते हैं।
चलिए अब हम जानते हैं कृष्ण जन्माष्टमी की पूजा विधि के बारे में दोस्तों इस दिन पूरा दिन व्रत करना चाहिए। इस दिन आप निर्जल उपवास या फिर फलाहारी उपवास कर सकते हैं। जन्माष्टमी की पूजा रात्रि काल में होती है। सबसे पहले लड्डू गोपाल की मूर्ति को पंचामृत से स्नान कराना चाहिए।
फिर उन्हें सुंदर। चमकेली और रेशमी वस्त्र और आभूषण से सजाकर भगवान को किसी झूले या सिंहासन में विराजित करें। तत्पश्चात् भगवान श्री कृष्ण जी की विवेचना करें। जल रोली, अक्षत, फूल, फल आदि चढ़ाएं और नैवेद्य में पंजीरी या पंचामृत का भोग लगाएं या लड्डू गोपाल का मखन मिसरी का भोग लगाएं। इसके बाद धूप दीप जलाकर भगवान श्री कृष्ण जी की आरती करें। इसके बाद आप सभी लोगों में प्रसाद वितरण करें।
दोस्तों इस दिन भजन कीर्तन करके रात्रि जागरण करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। दोस्तों भगवान श्री कृष्ण जन्माष्टमी की पूजा विधि व्रत करने से अनंत गुना फल की प्राप्ति होती है और जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है
। अब जन्माष्टमी व्रत का पारण अगले दिन सुबह। छात्र करें चलिए हम जानते हैं साल 2022 में जन्माष्टमी का पर्व कब मनाया जाएगा तो आपको बता दें कि इस साल जन्माष्टमी का पर्व 2 दिन मनाया जाएगा।
2022 में जन्माष्टमी कितना तारीख को है
- इस बार जन्माष्टमी 18 अगस्त 2022 दिन गुरुवार को मनाई जाएगी और कुछ लोग 19 अगस्त 2022 दिन शुक्रवार को भी जन्माष्टमी का पर्व मनाएंगे और अष्टमी तिथि की शुरुआत 18 अगस्त 2022 की रात को 9:20 पर होगी और अष्टमी तिथि की समाप्ति 19 अगस्त 2022 की रात को 10:59 तक रहेगी
और रोहिणी नक्षत्र की शुरुआत 20 अगस्त 2022 की प्रातः काल 1:53 पर होगी और रोहिणी नक्षत्र की समाप्ति 21 अगस्त 2022 की प्रातः काल 4:40 पर हो जाएगी।
2022 में जन्माष्टमी का शुभ मुहूर्त कब है
- दोस्तों इस बार जन्माष्टमी पर रोहिणी नक्षत्र नहीं रहेगा और बात करें निशिता काल। समय की तो निशिता काल पूजा का समय 18 अगस्त की रात 12:03 से लेकर रात 12:47 तक रहेगा। इस शुभ मुहूर्त 44 मिनट की रहेगी तो जिन लोगों के यहां मत रात्रि में कृष्ण जन्म बनाया जाता है या जन्माष्टमी की पूजा होती है तो वह लोग जन्माष्टमी का पर्व 18 अगस्त 2022 दिन गुरुवार को मनाएं
और जो लोग उदया तिथि के अनुसार कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाएंगे तो वह लोग 19 अगस्त 2022 को जन्माष्टमी का व्रत रखेंगे और बात करें। व्रत पारण के समय की तो जो लोग 18 अगस्त को व्रत रखेंगे। उनके लिए व्रत पारण का समय अगले दिन सूर्योदय के बाद किया जाएगा तो व्रत पारण का समय 19 अगस्त 2022 की सुबह 5:52 पर रहेगा।
वहीं कई स्थानों में जन्माष्टमी। निशिता काल पूजा के बाद ही कर लेते हैं तो उनके लिए पारण का समय 19 अगस्त 2022 की प्रातः काल यानी 18 अगस्त की रात को ही 12:47 के बाद ही व्रत का पारण कर लिया जाएगा
और कुछ लोग अष्टमी तिथि समाप्त होने पर जन्माष्टमी व्रत का पारण करते हैं तो उन लोगों के लिए पारण का समय 19 अगस्त 2022 की रात को 10:59 के बाद किया जाएगा। वही जो लोग 19 अगस्त को व्रत रखेंगे तो उनके लिए व्रत पारण समय 20 अगस्त की सूर्योदय के बाद यानी 20 अगस्त को सुबह 5:52 के बाद जन्माष्टमी व्रत का पारण करेंगे
और दही हांडी 19 अगस्त 2022 दिन शुक्रवार को मनाई जाएगी तो दोस्तों यह जानकारी आपको अच्छी लगी तो कमेंट में जय माता दी जरूर लिखें और।
2022 में जन्माष्टमी का शुभ मुहूर्त कब है
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