Tuesday 22 August 2023

How can I send rakhi by courier or post? स्पीड पोस्ट से राखी कैसे भेजे?Speed Post se rakhi kaise bheje

 नमस्कार दोस्तों आप सभी को स्वागत  है आज का इस New Post  के साथ जिसका title है।How can I send rakhi by courier or post? स्पीड पोस्ट से राखी कैसे भेजे?Speed Post se rakhi kaise bheje । जानने के अंत तक जरूर पढ़े।


How can I send rakhi by courier or post? स्पीड पोस्ट से राखी कैसे भेजे?Speed Post se rakhi kaise bheje

 

हेलो दोस्तो सबसे पहले आप सभी राखी की हार्दिक शुभकामनाएं आपको और आपके पूरे परिवार को आजकी इस पोस्ट हम जानने वाले हैं कि हम राखी  कैसे भेज सकते हैं। India post के थ्रू ठीक है या speed Post के थ्रू तो दोस्तो पोस्ट में अंत तक जरुर पढ़े ताकी आपको पुरी जानकारी मिल सके।

1 स्टेप

दोस्तों को सबसे पहला स्टेप जो होगा वह राखी भेजने का इंडिया पोस्ट थ्रू यो  होगा। आपके पास एक राखी होना चाहिए या जितना भी राखी आप भेजना चाहते हो वो राखी होना चहिए 

2 स्टेप

दुसरा स्टेप जो है दोस्तों वह आपके पास एक लिफाफा होनी चाहिए या फिर कोई amazon या फ़िर फ्लिपकार्ट से कोई  सामान मंगाते हो तो उसका कोई कार्टून होना चहिए। उस box में राखी भर सकते हैं। उसके बाद इजली आप सेंड कर सकते हो।

 आपके पास लिफाफा रेडी है और जो भी सामान है आपके पास उस दिन इंडिया अगर आप भेज रहे हो तो लिफाफे में भर लीजिए। उसके बाद लिफाफे को अच्छा तरह पेकिंग कर दीजिए। पेक करने के बाद आपको एड्रेस डालना होगा। लिफाफे में ठीक है। 

To .and. from  adress dalna hoga। 

To  एड्रेस डाल दीजिए, जहां भेज रहे हो  आपका भाई जहा रहते हैं या भैया रहते हैं। ठीक है तो वहां का एड्रेस अपने टू में डाल दिया। एड्रेस के बाद उनका लैंडमार्क बगैरा दे सकती हो। उसके बाद वहां पर फोन नंबर दे दीजिए। उसके बाद पिन कोड दे दीजिए। ठीक है तो फुल एड्रेस डालिए गा 

और उसके बाद फ्रॉम एड्रेस में आपका एड्रेस दे दीजिए। आपका नाम दे दीजिए। किसने  भेजा है, वह पता चल सके उसको  आपको आपके जो भैया हैं, उनको ठीक है।

3 स्टेप

अब तीसरा स्टेप क्या है दोस्तों पेक हो गया। आपका पार्सल उसके बाद आपको जाना है। इंडिया पोस्ट ऑफिस जाना है  इंडिया पोस्ट ऑफिस में जाने के बाद और अगर आप ऑर्डिनरी पोस्ट करना चाहती हो तो यह थोड़ा ज्यादा टाइम लगता है तो मैं  रोकमेंट करूंगा स्पीड पोस्ट करना आप ठीक है। अगर आप मतलब बहुत ही  लेट में भेज रहे हो  राखी आज है  और इससे एक हफ्ते पहले पर भेज रही हो तो आप स्पीड पोस्ट से  भेजें ठीक है। ।

 अगर आप ऑर्डिनरी पोस्ट से भेजते हो 1हफ्ते  पहले तो आपका राखी नहीं भी पहुंच सकता है। ऑर्डिनरी पोस्ट जो होता है वह बहुत स्लो होता है इसलिए मैं रिक्वेस्ट करूंगा आप स्पीड पोस्ट करें।

 और ज्यादा लेट ना करें। राखी भेजने में एक-दो दिन पहले पहुंच भी अगर जाता है तो कोई दिक्कत नहीं है। आपका जो भाई है वह राखी के दिन पहले भी पहन  सकते हैं। 

 अपको कोरियर ब्रांच के ऑफिस में जाना होगा ऑफिस में जाने के बाद आपको आप एग्जीक्यूटिव ऑफिसर मिलेंगे। इंडिया पोस्ट उन से बात कीजिए कि मुझे यह भेजना है। मेरे भाई को राखी ठीक है। वह आपका पार्सल वेट करेंगे। ठीक है, जितना भी होगा, स्टैम्प  पर लगाएंगे कोरियर नंबर  लगाई अगर स्पीड पोस्ट से भेज रही हो।तो  उसका जो भी prise होगा, जितना भी होगा, यो बोलेंगे। अपको वह लोग ठीक है और यह दिन 3 से 7 दिन में आपका जो राखी है, वह  पहुंच जाएगा। ठीक है

। ज्यादा नहीं लेगा लेकिन आप वह हो सके तो 10 दिन पहले ही भेज दीजिए। अगर आप इंडिया पोस्ट से भेज रहे हो। अगर प्राइवेट कोरियर सर्विस से आप भेज रहे हो तो 7 दिन या 8 दिन पहले भेज दीजिए क्योंकि गारंटी नहीं रहता। ना लोक डाउन चल रहा है तो इसलिए थोड़ा लेट भी हो सकता है।तो आपको समझ में आ गया होगा की राखी का कोरियर कैसे भेजें

किसी दुसरे की Phone Call अपने मोबाइल पर कैसे जानें 2022


और एक बात  अगर आप इंटरनेशनल आ रखी भेजना चाहती हो। समझ लीजिए। आपका भाई इंडिया में नहीं रहता। आउट ऑफ इंडिया कहां पर रहता है तो वहां पर कैसे राखी भेज सकते हो। इंडिया पोस्ट भी भेज सकती हो। अदर वाइज   किसी प्राइवेट कोरियर से भी भेज सकते हो। जेसे।

Dhl courier

Fedex courier

Blue dart courier

आप इन प्राइवेट कोरियर से भी भेज सकते हैं आपका पार्सल बहुत जल्द पहुंच जाएगा ।

तो  आपको समझ आ गया होगा की 2022 मे Rakhi ka courier kaise post Karen।

How can I send rakhi by courier or post? 

Hello friends, first of all, you all wish a very happy Rakhi to you and your whole family, in this post today we are going to know how we can send Rakhi.  If it is okay through India post or through speed post, then friends must read the post till the end so that you can get complete information.


 1 step

 The first step that will happen to friends will be to send Rakhi through India Post.  You should have one Rakhi or whatever Rakhi you want to send should be Rakhi.


 2 step


 The second step is friends, you should have an envelope or if you order any item from amazon or flipkart, then it should be a cartoon.  You can fill Rakhi in that box.  After that you can send Izli.


  You have the envelope ready and whatever items you have with you, if you are sending it to India on that day, then fill it in the envelope.  After that pack the envelope properly.  After pecking you will have to enter the address.  In the envelope is fine.

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 To .and.  from adress dalna hoga.

 To put the address, where you are sending, where your brother lives or brother lives.  Ok so put the address there in your to.  After the address, you can give without their landmark.  After that give the phone number there.  After that give the pin code.  ok then enter full address


 And after that give your address in From Address.  Give me your name  Who has sent it, so that it can be known to you that your brothers are fine for them.


 3 step


 Now what is the third step, friends have got pecked.  After that your parcel has to go to you.  Have to go to India post office After going to India post office and if you want to post ordinarily then it takes a little more time then I will stop speed post you are fine.  If you mean sending it very late, Rakhi is today and you are sending it a week before then you send it by speed post is fine.  ,


  If you send by Ordinary Post 1 week before then your Rakhi may not reach.  Ordinary post is very slow so I would request you to do speed post.


  Don't be too late.  Even if it reaches a day or two before sending Rakhi, then there is no problem.  Your brother can wear it even before the day of Rakhi.


  You will have to go to the office of the courier branch, after going to the office, you will find the executive officer.  India Post Talk to them that I have to send this.  Rakhi to my brother is fine.  He will wait for your parcel.  Well, whatever it is, put the courier number on the stamp, if you are sending it by speed post.  Those people are fine to you and this day the Rakhi you have will reach in 3 to 7 days.  Ok

 ,  Will not take much but if you can, then send it 10 days in advance.  If you are sending by India Post.  If you are sending by private courier service, then send it 7 days or 8 days in advance because there is no guarantee.  No lock down is going on, so it may be a little late. So you must have understood how to send Rakhi courier.


 And one more thing if you want to send international aa ki ki.  Understand it  Your brother does not live in India.  Where does out of India live, so how can you send Rakhi there?  You can also send India Post.  Other wise you can also send by any private courier.  Jesse.


 Dhl courier

 fedex courier

 blue dart courier


 You can also send by these private couriers, your parcel will reach very soon.


 So you must have understood that Rakhi ka courier kaise post Karen in 2022.

How can I send rakhi by courier or post? स्पीड पोस्ट से राखी कैसे भेजे?

Speed Post se rakhi kaise bheje 

 मस्कार दोस्तों आप सभी को स्वागत है आज का इस New Post  के साथ जिसका title है।2022 में रक्षाबंधन कब है।2022 में रक्षाबंधन कब पड़ेगा।2022 में रक्षाबंधन किस तारीख को है। दोस्तो अगर आप भी यह सब जानना चाहते हैं तो इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़े।

2022 में रक्षाबंधन कब है। 2022 में रक्षाबंधन कब पड़ेगा


2022 में रक्षाबंधन कब है। 2022 में रक्षाबंधन कब पड़ेगा ।2022 me raksha bandhan kab hai

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दोस्तों आज हम इस पोस्ट में बात करेंगे। रक्षाबंधन साल 2022 में कब मनाया जाएगा और राखी बांधने का शुभ मुहूर्त क्या रहेगा। इसके अलावा हम आपको बताएंगे। किस दिन भद्रा काल का समय क्या रहेगा क्योंकि हमारे शास्त्रों के अनुसार भद्रा काल में रक्षाबंधन का त्यौहार नहीं मनाया जाता है। लेकिन अगर अभी तक आपने हमारे चैनल को सब्सक्राइब नहीं किया है तो जल्दी से सब्सक्राइब कर दे साथ ही इस पोस्ट को कॉमेंट करें और ज्यादा से ज्यादा शेयर करें तो आइए शुरू करते हैं।

रक्षाबंधन का पर्व क्यों मनाया जाता है

दोस्तों रक्षाबंधन का त्यौहार हिंदू धर्म के बड़े त्योहारों में से एक है जिसे सावन माह की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस रक्षाबंधन के ऊपर के साथी सावन माह की समाप्ति नहीं हो जाती है। यह त्यौहार भाई बहन के प्यार का प्रतीक है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई में रक्षा सूत्र यानी राखी बांधकर भाइयों से अपनी सुरक्षा का वचन लेती हैं। ऐसी मान्यता है कि भाई के दीर्घायु तरक्की व खुशियों की कामना की। अगर मैं सूरत में राखी बांधे तो भाई सारे कष्टों से दूर रहेंगे और जीवन में तरक्की करेंगे। आपको बता दें कि शास्त्रों के अनुसार काल में राखी नहीं बांधी चाहिए। इस मुर्ख को बेहद शुभ माना गया है। कहा जाता है कि लंकापति रावण ने भद्र मुहूर्त में। अपनी बहन से राखी बंधवा ली थी जिसके ठीक 1 साल के अंदर ही उनका सर्वनाश हो गया था।


दोस्तों सनी देओल की बहन है। बत्रा ब्रह्मा जी ने श्राप दिया था जिसके अनुसार जो भी इस मुहूर्त में शुभ कार्य करेगा तो उसका विनाश हो जाएगा। इसलिए गलती से भी भद्रा काल में रक्षाबंधन का त्योहार नहीं बनाना चाहिए। दोस्तों इस दिन बहनें सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करके धारण करें। इसके बाद टीका की थाली तैयार करें। आप थाली में रोली हल्दी, अक्षत यानि साबुत चावल, आरती, राखी और मिठाई ले ले और फिर इस थाली को अपने घर के मंदिर में रखें और भगवान को भी तिलक भोग लगाकर उन्हें मी रक्षा सूत्र अर्पित करें। इसके बाद आप अपने भाई के माथे पर तिलक लगाएं। इसके बाद अपने भाई को राखी बांधी आप भाई को एक लकड़ी के पार्टी पर बिठाए और सबसे पहले उनके माथे पर तिलक करें। इसके बाद अक्षत अर्पित करें। फिर उनकी आरती उतारी और मन में भाई के दीर्घायु की कामना करें। फिर उनके दाहिने हाथ की कलाई में रक्षा सूत्र यानी राखी बांधे और अपने भाई का मुंह मीठा करवाएं। रक्षाबंधन की पूजा तक व्रत करना चाहिए या फिर आप फलाहारी व्रत करें। शास्त्रों के अनुसार राखी बांधने तक भाई बहन को व्रत रखना चाहिए। इससे दोनों के जीवन में खुशियां आएंगे और जीवन में सफलता मिलेगी।

2022 में रक्षा बंधन कितनी तारीख को है

चलिए अब हम जानते हैं कि साल 2022 में रक्षाबंधन का पर्व कब मनाया जाएगा तो आपको बता दें कि रक्षाबंधन का पर्व। 11 अगस्त 2022 दिन गुरुवार को मनाया जाएगा और पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 11 अगस्त 2022 की सुबह 10:38 पर हो जाएगी और पुण्यतिथि की समाप्ति 12 अगस्त 2022 की सुबह 7:05 पर होगी और राखी बांधने के लिए प्रदोष काल का शुभ मुहूर्त की रात को 8:51 से लेकर रात 9:13 तक रहेगा। इस शुभ मुहूर्त की कुल अवधि 22 मिनट की है और इस दिन की शुरुआत 11 अगस्त की सुबह 10:30 पर हो जाएगी और भद्रा काल का अंत 11 अगस्त की रात को 8:50 पर होगा। दोस्तों इस बार रक्षाबंधन के दिन भद्रा पड़ने के कारण दिन के समय रक्षाबंधन का त्यौहार नहीं मनाया जाएगा। अभद्र समाप्त होने के बाद रात 8: 51 मिनट के। बाद रक्षाबंधन का त्योहार मना सकते हैं तो दोस्तों यह जानकारी आपको अच्छी लगी हो तो शेयर जरूर करे और अगर आपका कोई सवाल हो तो उसे कमेंट बॉक्स में पूछ ल

रक्षा बंधन का इतिहास

आज हम बात करेंगे भाई बहन के उस पर्व की जिसे पूरे भारत में हार साल काफी हर्षोल्लास से मनाया  जाता है जी हां हम बात कर रहे हैं। रक्षाबंधन की रक्षाबंधन का इतिहास सिंधु घाटी की सभ्यता से जुड़ा हुआ है।

 लेकिन हैरान करने वाली बात यह है कि रक्षाबंधन की परंपरा की शुरुआत बहनों ने शुरू नहीं की थी। जी हां, अब  आप भी सोचेंगे कि इसे किसने शुरू किया। राखी का चलन तो आइए जाने क्या है। राखी  का इतिहास इतिहास के पन्ने को देखें तो इस पर्व की उत्पत्ति लगभग 6000 साल पहले बताई गई है। 

इसके कई साक्ष्य भी इतिहास के पन्नों में दर्ज है। बहनों को जहां भाइयों की कलाई में रक्षा का धागा बांधने का बेसब्री से इंतजार होता है तो वही देश ही नहीं बल्कि विदेशों में बसे भाइयों को भी। इस बात का इंतजार रहता है कि उनकी बहन ने उन्हें जरूर ही इस खास पर्व पर राखी भेजेंगे।

। सगी बहन नहीं तो भी कोई समस्या नहीं। हममेंमें मुंह बोली, बहनों से राखी बनवाने की परंपरा भी काफी पुरानी है। इसलिए उन भाइयों को भी निराशा का सामना नहीं करना पड़ता जिनकी अपनी कोई सगी बहन नहीं है क्योंकि इसमें रक्षाबंधन की परंपरा ही उन बहनों ने शुरू की थी जो सगी  नहीं थी। भले ही उन 

बहनों ने अपने संरक्षण के लिए ही इस पर्व की शुरुआत क्यों न की हो, लेकिन उसी बदौलत आज भी इस पर्व की मान्यता बरकरार है। 

बात करें। अगर रानी कर्णावती और सम्राट हिमायू की तो रक्षाबंधन की शुरुआत की। सबसे पहले ऐतिहासिक साक्ष्य रानी कर्णावती और सम्राट हुमायूं है। मध्यकालीन युग में राजपूत और मुस्लिमों के बीच संघर्ष चल रहा था रानी कर्णावती। चित्तौड़ के राजा के विधवा थी

उस दुरान गुजरात के सुल्तान बहादुर  शाह से अपनी और अपनी प्रजा का सुरचा का कोइ रास्ता ना देखकर रानी ने देखकर के लिए कोई रास्ता ना निकलता देखकर रानी ने हुमायूं को राखी भेजी थी तब कुमायूं उन्हें रक्षा का बहन का दर्जा दिया था

दूसरा परवान आई जनरल सेंट्रल और पूर्व के बीच का माना जाता है। कहा जाता है कि हमेश विजय रहने वाला एक्सजेंडर  भारती राजा पूर्व की ब्रिचंड थे  इससे अलेक्जेंडर की पत्नी  काफी तनाव में आ गई थी। उन्होंने रक्षाबंधन के त्यौहार के बारे में काफी सुना था। उन्होंने भारतीय राजा पूर्व को राखी भेजी तब जाकर युद्ध की स्थिति समाप्त lहुई थी क्योंकि भारतीय राजापुर उनकी पत्नी को बहन मान लिया था

 इतिहास का एक और उदाहरण कृष्ण और द्रौपदी को माना जाता है। कृष्ण भगवान ने राजा शिशुपाल को मारा था। युद्ध के दौरान जब कृष्ण के बाएं हाथ कीn उंगली से खून बह रहा था तो इसे देखकर द्रौपदी बेहद दुखी हुई और उन्होंने अपनी साड़ी का टुकड़ा चीरकर कृष्ण की उंगली में बांधी दी जिससे उनका खून बहना बंद हो गया। कहा जाता है तभी से कृष्ण ने द्रौपदी को अपनी। बहन स्वीकार कर लिया था 

इस घटना के बाद सालों के बाद द्रोपदी को जुए में हार गए थे भरी सभा में उनकी बेइज्जती हुई थी तब कृष्ण ने भाई का धर्म निभाते हुए द्रोपदी की लाज बचाई थी 

तो याद भी रक्षाबंधन की इतिहास की बारे में कुछ जानकारी बातें।

रक्षा बंधन पर निबंध

प्रस्तावना 

रक्षाबंधन का त्यौहार भाई बहन के प्यार का प्रतीक है। यह त्यौहार मुख्यता हिंदुओं का त्यौहार है। पर इसे भारत के सभी धर्मों के लोग उत्साह और भाव से मनाते हैं। रक्षाबंधन का त्यौहार सावन के महीने के दौरान आता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर एक पवित्र धागा बांधते हैं और भाइयों के लिए अच्छे स्वास्थ्य तथा भाग की कामना करते हैं। दूसरी ओर भाई अपनी बहनों को रक्षा का वचन देते हैं 

मनाने का समय। 

भारतीय संस्कृति के अनुसार रक्षाबंधन का त्योहार श्रावण माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। और अंग्रेजी महीनों के अगर बात करें तो अगस्त महीने में मनाया जाता है। यह त्यौहार भाई बहन को इस स्नेह की डोर से बांधा है। प्यार की डोर से बांध का है।

 रक्षाबंधन का पर्व श्रवण की पूर्णिमा को मनाए जाने के कारण इसे श्रावणी पर्व के नाम से जाना जाता है। इसीलिए इस लावणी पर्व के नाम से भी जानते हैं। इसको हम ऐसे भी कह सकते हैं कि जो रक्षाबंधन है रक्षाबंधन हिंदू कैलेंडर के अनुसार सावन के महीने की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है और इसको  को आम भाषा में सावन का महीना भी कहते हैं। सावन का महीना मतलब रक्षाबंधन सावन महीने के अंतिम दिन मनाया जाता है। 

रक्षा बंधन का अर्थ 

इसका अर्थ क्या है तो रक्षाबंधन का शाब्दिक अर्थ है। रक्षा करने वाला बंधन मतलब धागा तो इस पर्व में बहने अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधते हैं और बदले में भाई जीवन भर उनकी रक्षा का वचन देते हैं

  मनाने का कारण 

मनाने का करण मतलब क्यों और कब से मनाया जा रहा है तो इतिहास प्रसंग के अनुसार महाराणा संग्राम सिंह की मृत्यु के बाद बहादुर शाह ने मेवाड़ पर आक्रमण कर दिया और मेवाड़ पर आक्रमण करके उसे चारों ओर से घेर लिया। तब मेवाड़ की महारानी कर्मावती ने दिल्ली के बादशाह हुमायूं को राखी भेजी थी ताकि उनकी और राज्य की रक्षा हो। बादशाह हुमायूं ने राखी के पवित्र महत्व को समझा और मेवाड़ के लिए तुरंत प्रस्थान किया और वहां जाकर के जो बहादुरशाह था उसको युद्ध में पराजित किया। 

इन्होंने बहादुर शाह को पर। और मेवाड़ की रक्षा की इस तरह से अपना कर्तव्य पूरा किया और तभी से रक्षाबंधन मनाया जाने लगा। 

अगर दूसरी कथा की मानें तो इतिहास में श्री कृष्ण और द्रौपदी की कहानी प्रसिद्ध है जिसमें युद्ध के दौरान श्री कृष्ण ने उंगली जो  वह घायल हो गई थी तो श्रीकृष्ण की घायल उंगली को द्रोपदी ने अपनी साड़ी में से एक टुकड़ा काटकर बांधा था और इस उपकार के बदले श्रीकृष्ण ने द्रोपति को किसी भी संकट में होने पर उनकी सहायता का वचन दिया था

रक्षाबंधन का वर्णन 

। रक्षाबंधन का वर्णन या कहे तो रक्षाबंधन कैसे मनाया जाता है। वर्णन कैसे मनाते हैं तो रक्षाबंधन के दिन बहने सुबह तैयार होकर नए कपड़े पहनकर थाली की सजावट करती हैं। उसमें क्या-क्या रखते हैं। राखी सिंदूर, चावल और मिठाई को रखती हैं। बहने भाइयों के माथे पर तिलक करके भाई की कलाई। बांधती है, आरती उतारती हैं और मिठाई खिलाते हैं तथा भाई की लंबी आयु और उन्नति की कामना करती हैं।

 राखी बनवाने के बाद भाई अपनी बहन को गिफ्ट देते हैं और उनकी रक्षा का वचन देते हैं। रक्षाबंधन का पर्व आने पर तो बाजारे होती हैं। बाजार रंग-बिरंगी राखियों से सजाते हैं। राखी की दुकानों पर खरीदारी की भीड़ लग जाती है। देश के अन्य भागों में यह पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। दिल्ली हरियाणा उत्तर प्रदेश राजस्थान आज राज्यों में सरकारी छुट्टियां रहते हैं। स्कूल वगैरह बंद रहते हैं। इस अवसर पर तरह-तरह के तमाशे खेलो और रंगारंग कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है 

राखी का महत्व 

राखी का महत्व यह पर्व भाई-बहन के रिश्तो की अटूट डोर का प्रतीक है और भारतीय परंपराओं का या एक ऐसा पर्व है जो केवल भाई बहन के। स्नैह  के साथ-साथ। और सामाजिक संबंध को मजबूत करता है। इसीलिए यह पर्व भाई-बहन को आपस में जोड़ने के साथ-साथ सांस्कृतिक व सामाजिक महत्व रखता है। 

यह भी कह सकते है की  प्राचीन काल में राखी के महत्व का इससे पता लगता है कि रानी कर्मावती ने हुमायूं को राखी भेज कर अपनी रक्षा की याचना की थी और मुस्लिम होते हुए भी हुमायूं ने राखी का गौरव रखा और वहां जाकर बहन कटौती की रक्षा की थी।

उपसंघार 

आज का त्यौहार है ना जो यो हमारी संस्कृति की पहचान है और हर भारतवासी को इस त्यौहार पर गर्व है। लेकिन भारत में जहां बहनों के लिए इस विशेष पर्व को मनाया जाता है, वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो भाई की बहनों को गर्भ में ही मार देते हैं तो ऐसा नहीं होना चाहिए। आज कहीं भाइयों की कलाई पर राखी इसीलिए नहीं बन पाती है क्योंकि उनकी बहनों को उनके। 

माता पिता ने इस दुनिया में आने ही नहीं दिया या त्यौहार हमें यह भी याद दिलाता है कि बहने हमारे जीवन में कितना महत्व रखती हैं।

 आज यहां पर मात्र लेनदेन का माध्यम बन गया है। जरूरत है कि फिर से इस पर्व के लिए पवित्र भावना पैदा हो।

इसी के साथ आप सभी लोगों को रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाए।


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